1. संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को संसद के संविधान कक्ष में हुयी थी, जिसे अब Central Hall कहा जाता है।
2. संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। अनुसूचित वर्गों से भी 30 से ज्यादा सदस्य इस सभा में शामिल हुए थे।
3. सच्चिदानंद सिन्हा भारतीय संविधान सभा के पहले अध्यक्ष ( प्रथम सभापति ) थे। मगर बाद में 11 दिसंबर 1946 को हुयी संविधान सभा की बैठक में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी रूप से इस सभा का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया और वे अंत तक इस पद पर बने रहे।
4. भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली निर्मात्री समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर थे। इस समिति की स्थापना 29 अगस्त 1947 को हुयी थी।
5. भारतीय संविधान के निर्माण में अपनी अहम् भूमिका निभाने के कारण डॉ. भीमराव अम्बेडकर को "भारत के संविधान का निर्माता" भी कहा जाता है।
6. भारत के संविधान को बनने में कुल 2 साल, 18 महीने और 18 दिन का समय लगा। इस दौरान 114 दिन बैठकें की गयी।
7. संविधान सभा की बैठकों में प्रेस व आम जनता को भी भाग लेने की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त थी।
8. भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक और जनतांत्रिक देश का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। जिसमें 465 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियाँ हैं जो कि 12 भागों में विभाजित हैं। मगर जब यह बना था तब इसमें 395 अनुच्छेद जो कि 22 भागों में विभाजित थे। तब इसमें अनुसूचियाँ केवल 8 ही थीं।
9. संविधान को पारित करने से पहले इस पर काफी चर्चा की गयी और परिणामस्वरूप इसमें 2000 परिवर्तन भी किये गए।
10. वैसे तो हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को ही बनकर तैयार हो गया था मगर 26 जनवरी की तारिख को यादगार बनाने के लिए इसे 26 को पारित किया गया।
11. क्योंकि संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था इसीलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
12. 26 जनवरी के दिन भारतीय संविधान को लागू किया गया था इसीलिए इसे 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
13. भारतीय संविधान को पारित करते वक्त 284 संसद सदस्यों ने इस पर अपने हस्ताक्षर किये जिनमे 15 महिलाएं भी शामिल थीं।
14. भारतीय संविधान को कई संविधानों का मिश्रण भी कहा जाता है क्योंकि इसमें अलग अलग देशों के संविधानों से कई अच्छी चीजें भी ली गयी थीं। जैसे रूस के संविधान से पांच वर्षीय योजनाऐं ली गयी थी तो आयरलैंड के संविधान से मौलिक अधिकार।
15. भारतीय संविधान के द्वारा भारत के नागरिकों को 6 मौलिक अधिकार दिए गये हैं।
16. भारतीय संविधान में कई सारी चीजें दूसरे देशों से ली गयी हैं जिनमें - रूस, अमेरिका, आयरलैंड, कनाडा, और फ़्रांस शामिल है।
17. भारतीय संविधान की सार्थकता इस बात से ही सिद्ध हो जाती है कि इसके बनने के बाद से लेकर अब तक पिछले 69 वर्षों में इसमें सिर्फ 101 संसोधन (बदलाव) ही किये गए हैं।
18. भारत के संविधान में पहला संसोधन सन 1951 में हुआ था।
19. हमारा देश अपना खुद का संविधान बनाने से पहले तक ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाये गए एक्ट 1935 को मानता था।
20. भारतीय संविधान के अनुसार भारत रत्न, कीर्ति चक्र और पदम् भूषण जैसे अतिसम्मानीय पुरस्कार सिर्फ गणतंत्र दिवस के दिन ही प्रदान किये जा सकते हैं।
21. भारतीय संविधान के अनुसार जहाँ गणतंत्र दिवस पर देश के लिए सम्बोधन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है वहीं स्वतंत्रता दिवस के दिन देश के लिए सम्बोधन प्रधानमंत्री करता है।
22. भारतीय संविधान के अनुसार भारत का अपना कोई धर्म नहीं है भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है। यहाँ सभी धर्म व धर्म के लोगों के साथ समान व्यवहार किया जायेगा।
23. भारतीय संविधान पूर्ण रूप से हस्तलिखित है जिसे श्री श्याम बिहारी रायजादा ने अपने खुद के हाथों से लिखा था।
24. भारतीय संविधान के हर एक पन्ने को खूबसूरती से सजाने का काम शांतिनिकेतन के आर्टिस्टों ने किया था।
25. भारतीय संविधान की मूल प्रतियां आज भी भारतीय संसद में रखी हुयी है इसकी सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए इसे संसद के पुस्तकालय में ही एक हीलियम केस में रखा गया है।
2. संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। अनुसूचित वर्गों से भी 30 से ज्यादा सदस्य इस सभा में शामिल हुए थे।
3. सच्चिदानंद सिन्हा भारतीय संविधान सभा के पहले अध्यक्ष ( प्रथम सभापति ) थे। मगर बाद में 11 दिसंबर 1946 को हुयी संविधान सभा की बैठक में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी रूप से इस सभा का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया और वे अंत तक इस पद पर बने रहे।
4. भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली निर्मात्री समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर थे। इस समिति की स्थापना 29 अगस्त 1947 को हुयी थी।
5. भारतीय संविधान के निर्माण में अपनी अहम् भूमिका निभाने के कारण डॉ. भीमराव अम्बेडकर को "भारत के संविधान का निर्माता" भी कहा जाता है।
6. भारत के संविधान को बनने में कुल 2 साल, 18 महीने और 18 दिन का समय लगा। इस दौरान 114 दिन बैठकें की गयी।
7. संविधान सभा की बैठकों में प्रेस व आम जनता को भी भाग लेने की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त थी।
8. भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक और जनतांत्रिक देश का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। जिसमें 465 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियाँ हैं जो कि 12 भागों में विभाजित हैं। मगर जब यह बना था तब इसमें 395 अनुच्छेद जो कि 22 भागों में विभाजित थे। तब इसमें अनुसूचियाँ केवल 8 ही थीं।
9. संविधान को पारित करने से पहले इस पर काफी चर्चा की गयी और परिणामस्वरूप इसमें 2000 परिवर्तन भी किये गए।
10. वैसे तो हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को ही बनकर तैयार हो गया था मगर 26 जनवरी की तारिख को यादगार बनाने के लिए इसे 26 को पारित किया गया।
11. क्योंकि संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था इसीलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
12. 26 जनवरी के दिन भारतीय संविधान को लागू किया गया था इसीलिए इसे 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
13. भारतीय संविधान को पारित करते वक्त 284 संसद सदस्यों ने इस पर अपने हस्ताक्षर किये जिनमे 15 महिलाएं भी शामिल थीं।
14. भारतीय संविधान को कई संविधानों का मिश्रण भी कहा जाता है क्योंकि इसमें अलग अलग देशों के संविधानों से कई अच्छी चीजें भी ली गयी थीं। जैसे रूस के संविधान से पांच वर्षीय योजनाऐं ली गयी थी तो आयरलैंड के संविधान से मौलिक अधिकार।
15. भारतीय संविधान के द्वारा भारत के नागरिकों को 6 मौलिक अधिकार दिए गये हैं।
16. भारतीय संविधान में कई सारी चीजें दूसरे देशों से ली गयी हैं जिनमें - रूस, अमेरिका, आयरलैंड, कनाडा, और फ़्रांस शामिल है।
17. भारतीय संविधान की सार्थकता इस बात से ही सिद्ध हो जाती है कि इसके बनने के बाद से लेकर अब तक पिछले 69 वर्षों में इसमें सिर्फ 101 संसोधन (बदलाव) ही किये गए हैं।
18. भारत के संविधान में पहला संसोधन सन 1951 में हुआ था।
19. हमारा देश अपना खुद का संविधान बनाने से पहले तक ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाये गए एक्ट 1935 को मानता था।
20. भारतीय संविधान के अनुसार भारत रत्न, कीर्ति चक्र और पदम् भूषण जैसे अतिसम्मानीय पुरस्कार सिर्फ गणतंत्र दिवस के दिन ही प्रदान किये जा सकते हैं।
21. भारतीय संविधान के अनुसार जहाँ गणतंत्र दिवस पर देश के लिए सम्बोधन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है वहीं स्वतंत्रता दिवस के दिन देश के लिए सम्बोधन प्रधानमंत्री करता है।
22. भारतीय संविधान के अनुसार भारत का अपना कोई धर्म नहीं है भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है। यहाँ सभी धर्म व धर्म के लोगों के साथ समान व्यवहार किया जायेगा।
23. भारतीय संविधान पूर्ण रूप से हस्तलिखित है जिसे श्री श्याम बिहारी रायजादा ने अपने खुद के हाथों से लिखा था।
24. भारतीय संविधान के हर एक पन्ने को खूबसूरती से सजाने का काम शांतिनिकेतन के आर्टिस्टों ने किया था।
25. भारतीय संविधान की मूल प्रतियां आज भी भारतीय संसद में रखी हुयी है इसकी सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए इसे संसद के पुस्तकालय में ही एक हीलियम केस में रखा गया है।
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