गुरुवार, 14 दिसंबर 2017

भगवान भी उन्हीं की मदद करते हैं जो अपनी मदद खुद करते हैं

नदी के किनारे एक गाँव बसा हुआ था। एक बार गाँव में भयंकर तेज बारिश हुयी और धीरे-धीरे पानी ऊपर बढ़ने लगा। बढ़ते हुए पानी को देखकर गाँव वालों ने किसी सुरक्षित स्थान पर जाने का निर्णय लिया। 

उसी गाँव में एक मंदिर भी था। उस मंदिर में जो पुजारी जी रहते थे वे भगवान में बड़ी आस्था रखते थे, वे एकदम निश्चिन्त होकर मंदिर में बैठे रहे और कह रहे थे कि भगवान जी मुझे आप पर पूरा भरोषा है आप मुझे इस बाढ़ से जरूर बचा लोगे सो मुझे कोई फालतू की Tension (फिक्र) करने की कोई जरुरत ही नहीं है।

इतने में ही एक आदमी दौड़ा दौड़ा उनके पास आया और बोला पुजारी जी बाढ़ आ रही है आप भी हमारे साथ चलिए। उन्होंने कहा कोई बात नहीं। मुझे क्या किसी से कोई डरने की जरुरत नहीं है क्योंकि ऊपर वाला खुद आकर मुझे बचाएगा। इसलिए तुम मेरी चिंता मत करो, तुम्हें जाना है तो जाओ। वो आदमी वहाँ से चला गया। 

धीरे-धीरे पानी भी बढ़ता चला गया और अब पानी मंदिर की और बढ़ने लगा। मगर पुजारी जी अपने भगवान को याद करते रहे।  इतने में ही एक बचावकर्मी नाव लेकर आया और बोला पंडित जी आप अभी तक यहीं बैठे हो सब लोग सुरक्षित स्थानों पर जा चुके हैं आप भी चलिए वरना बाढ़ में फंस जाओगे और फिर बच नहीं पाओगे। 

मगर पंडित जी बोले - अरे, मेरे साथ ऊपर वाला है मुझे किसी से घबराने की कोई जरुरत नहीं है। तुम वापस चले जाओ। और देखना चाहे बाढ़ आये या कुछ और वो मुझे बचाने जरूर आएगा। तुम जाओ, वर्ण मुझे बचाने के चक्कर में कहीं तुम खुद ही ना फँस जाओ। अब बचावकर्मी भी अपनी नाव लेकर चला गया।

थोड़ी देर में और ज्यादा पानी बढ़ने लगा। अब पानी इतना ज्यादा बढ़ गया था कि पंडित जी को बचने के लिए मंदिर की छत पर चढ़ना पड़ गया। तभी गाँव में रेस्क्यू के लिए एक हेलीकॉप्टर आया Helicopter से नीचे रस्सी फेंकी गयी और ऊपर से आवाज दी गयी और कहा गया कि पंडित जी महाराज अब तो ऊपर आ जाइये बाढ़ आ गयी है अब आप बच नहीं पाओगे।

मगर पंडित जी फिर भी अपनी जिद पर अड़े रहे और बोले - अरे मुर्ख इंसान, मैंने कितनी ही बार तुम लोगों कहा है कि मेरे चक्कर में अपना Time बर्बाद मत करो। मुझे नहीं आना तुम्हारे हेलीकाप्टर पर। मेरा ऊपरवाला खुद मुझे बचाने आएगा। तुम जाओ यहाँ से और वापस लौटकर मत आना। इसके बाद हेलीकाप्टर भी वापस चला गया।

पानी अभी भी बढ़ता जा रहा था और पंडित जी को कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। तो वो अब भगवान को कोसने लगे कि और बोलने लगे कि हे ऊपरवाले, ये क्या हो रहा है मैंने दिन रात आपकी इतनी पूजा की। आप पर इतना विश्वास किया कि किसी के साथ नहीं गया और आप हो कि मुझे बचाने आ ही नहीं रहे हो।

इतने में ही अचानक ऊपर से एक आकाशवाणी हुयी और आवाज आयी कि अरे मुर्ख इंसान, एक, दो नहीं बल्कि पूरे तीन बार तुम्हें बचाने आया था-

पहली बार मैं तुम्हें पैदल ले जाने आया था, दूसरी बार नाव से और तीसरी बार हेलीकॉप्टर से ले जाने के लिए आया था। तीनों बार मैं ही तो था। लेकिन ना जाने क्यों तुमने मेरी बात मानी ही नहीं।

हमारी जिंदगी में भी यही होता है कि Opportunities (अवसर) हमारे आस पास होती हैं मगर हम न जाने किस चीज का Wait (इंतजार) कर रहे होते हैं और फिर जब वो Opportunities चली जाती हैं तो भगवान को कोसने लग जाते हैं।

एक बात हमेशा याद रखिये कि
सही वक्त और सही काम कभी नहीं आएगा बस आप जब जिस वक्त, जिस काम को करना शुरू कर दोगे वही वही समय और वही काम आपके लिए सही होगा।

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